पांगी त्योहार त मेला

पांगी त्योहार त मेला

हर साल पांगेई मेहणु सुआ त्योहार मनांते, जेन्ही अन्तर फुलयाठ, जुकारु, दखेण, उनौणि, मिन्धलयाट, पारवाट, त जुकारु खास त्योहार असे। इन्ही छड़ कइ मेहणु उयाण, लिशुउ, नैघोई, शरजाट, चज्गि छोटा मोटा त्योहार बि मनांते।

संबंध बधांणे त्योहार — जुकारु  

पांगी अन्तर सुआ त्योहार मनांते, जेन्ही अन्तर फुल्याट, दखेण, उनौणि, मिन्धलयाट, पारवाट, त जुकारु खास त्योहार असे। पर एन्हि अन्तर जुकारु त्योहार बड़े धुमधाम जुओई मनान्ते। ए त्योहार चज्गि केआं पता जे अंवास एन्तु तिएस केआं शुरु भुन्ता त अंवास केआं पता जे पुर्नि एन्ता तिएस मुखि घेन्ता। चज्गि केआं पति अंवासे जे सिल्ह बोते। तिएस सल्ही कालैऊ खास भुन्तु। हर गी अन्तर खाणे-पीणे खरि-खरि चीजे बणान्ते त कुई-चिड़ि जे तेसे ‌‍बंट रखते। तिएस भ्यागे पुजाई अन्तर अपु सोब पितर याद कते त तेन्के नोऊ बुठ भियाड़े गी जे आहार देन्ते। जेस अन्तर मण्ने, घी त चीणा भुन्ति।

सल्हे ब्यादी बह्ल्लु केआं पेहला बल राजाई पुजा कते। स्याणे मेहणु के बोलणे हेसाब जुओई, बड़े पहले पंगेई त लोहुऐ जगाई अन्तर राजा बलिराजे राज चलताथ। जसे राज अन्तर एस जगाई अन्तर खाणे-पीणे, ढाडुड़, गौरु, दुधे, घिउए कोई बि कमि ना भुन्तीथ। तउं त, सल्ही ब्यादी हर कोठि किनियेल बलराजा टगांते त तसे अगर घीउ, मण्ने, उन्ने, मले(सतु) टोओट, पाणी लोठ त फियुड़ छते।

लोहुऐ मेहणु बि तियेस यानि सल्ही ब्यादी बलिराजे पूजा कते। जुकारु मेला, जेस जे लोहुऐ मेहणु फागुड़ी बोते, से मेहणु अन्तर भाई चारा बधाणे कम कता। तिएस मेहणु अपफ केआं बोडे मेह्णु के गी पथवारी घेइ कइ तेंके खुर बिन्ते त गड़ा-मेड़ा कते। साल अन्तर, जे बि मेहणु जेस जुओई बि झगड़िए भुन्ता तिएस से तेसे गी घेइ कइ तेस जुओई गड़ा-मेड़ा कता त पुराणे सोब बोके बिसिर छते।

जुकारु केआं पता पन्हेईं शुरु भुन्ति। पन्हेईं तिएस हर गी केआं मेह्णु अम्पु बग घेंते।  तिएस से बग बिएजु, आटे बकरा, आटे चूर, आटे हेटुड़ जंघलटी बुठ नेन्ते। तेन्हि आटे चूरे त हेटुड़ु बई जंघलटी बग बौज फटाई कई बाणे शास्त्र पुरा कते। तिएस केआं खड़ि मेहणु अंपु बघुईं लाणे-बांणे कम बि शुरु कई सकते। पन्हेईं कोई टियालेऊ त कोई पन्जालेऊ तिएस मनान्ते। पन्हेईं तिएस जसे गी कुआ जमो भुन्ता से बि अपु कुआ पन्हेईं नेन्ते। कुआ पन्हेईं नेणे खुशी अन्तर तेस ग्रां धाम देन्ते। बाहिंचाड़ि पन्हेईं जे माँगल बोते। तिएस से मेहणु बि बग घेन्ते। से घी केआं बकरा, दहलुणु गडा त बग जे बौज वगैरा नेन्ते। भुटोरी अन्तर बि ऐ त्योहार भोट पन्हेईं त जुकारु नोऊएं बठ मनाते। भटोरी अन्तर मेहणु यक विशेष फियुड़ ऐस त्योहार जे लुन्गाणते।  जेस जे जवराह बोते। मठड़ मेहणु पहला जवराहे फियुड़ जेठा मेहणु दे देन्ते, तउं तेसे आशिर्वाद नेन्ते। भोट पन्हेईं अन्तर, बकरयाट, बटुड़ु, टोओटु खास जाठ बड़ीभारी जोर शोर जुओई मनान्ते। भोट पन्हेईं केआं पता ऊयांण शुरु भोई घेन्ते। ऊयांण कलाड़, धरोस त सुराल टाई जगाई भुन्ते। सियाणे मेहणु के केहणा असा कि जेठि नाग देवती के देहर असे, तेठि ऊयांण त जेठि देवी के देहर असे तेठि उनौणी मनान्ते।

ऊयांण त्योहार कलाड़ अन्तर खास मनान्ते। दशालेऊ तिएस नागे ऊयांण भुन्ता। तिएस कलाड़ मह्लियथ भन्नार नागे पूजा कते। तेड़या पता, ठाठिड़ त लागिड़ नागे देहर घेन्ते त तठिआ हड़ी छाबु फियुड़ु आणते। तन्हि पूरे टज्जे मेहणु के धे देन्ते त से अपु अपु गी जे नेन्ते। नागे ऊयांण केआं पता राजे ऊयाण भुन्ता। तेड़या पता टज्जे ऊयांण तउं भराणि रथ भुन्ता, तिएस स्वांग बि भुन्ता। भराणे रथे राती नाग भुन्ता। जे प्रथा सिद कलाड़ टज्ज अन्तर असि। इस साल नाग करेल ग्रां अन्तर थिआ। ऐ नाग जुकारु भ्यागे जेस ग्रां भुन्ता तेस ग्रां नागे  कोठि टगांते। तेठि पन्द्रा रोज टाई टेम नागे पूजा भुन्ति त टाई टेम नाग जे मण्ने के सिदयालि छते। भराणि रथे तिएस राति 27 नागऐंत जेकि पूरे कलाड़े भुन्ते से नागे कोठि ऐई कइ व्यादी खाँते त पीन्ते। तेड़या पता नाग तसे जगाई पठ पुजान्ते। इस हैसाब जुओई जुकारु त्योहार खत्म भोई घेन्ता। तऊं त, ए त्योहार अंधकार केआं प्रकाशे कनाह त बुराई केआं अच्छाई कनाह नेणे कम कता।.... माहत्म, करेल।

 

फुल्याठ मेला शुरुवात भुण

 

करयास प्रजा कुफे फुल्याटुड़ एण

 

हुंडाने देखेण मेला